क्या आप भी GST रिटर्न फाइलिंग में बार-बार गलती कर बैठते हैं? छोटी‑छोटी लापरवाहियाँ आपको भारी जुर्माना, नोटिस या पंजीकरण रद्दीकरण तक पहुंचा सकती हैं! जानिए वे “स्मार्ट फाइलिंग टिप्स” जो हर GST प्रैक्टिशनर, सलाहकार और SME प्रोफेशनल को आज ही अपनानी चाहिए अन्यथा अगला नोटिस आपके दरवाज़े पर दस्तक दे सकता है... पूरा लेख अभी पढ़ें और खुद को बचाएं अनचाही मुसीबतों से!

 

GST रिटर्न फाइलिंग प्रत्येक पंजीकृत करदाता के लिए एक नियमित अनुपालन आवश्यकता है। हालांकि, गलतियाँ और अद्यतन ज्ञान की कमी ब्याज, जुर्माने और यहां तक कि पंजीकरण रद्द होने का कारण बन सकती हैं। यह अनुभाग GST प्रैक्टिशनर्स, लेखाकारों, सलाहकारों और लघु व मध्यम उद्यमों (SMEs) के लिए व्यावहारिक, कानूनी रूप से सटीक और अद्यतन सलाह प्रदान करता है ताकि वे सटीक रिटर्न फाइल कर सकें और अनुपालन बनाए रख सकें।

1. GSTR-1: बाहरी आपूर्ति रिटर्न

(a) समय पर फाइलिंग और मिलान

·      अंतिम तिथि: सामान्यतः अगले महीने की 11 तारीख।

·      सुनिश्चित करें कि बिक्री चालान, डेबिट/क्रेडिट नोट्स और अग्रिम प्राप्तियाँ सही तरीके से अपलोड की गई हैं।

·      GSTR-1 का खातों की पुस्तकों से मिलान करें ताकि कोई अंतर न हो।

·      QRMP योजना के तहत त्रैमासिक फाइलर्स के लिए Invoice Furnishing Facility (IFF) का उपयोग करें।

(b) सावधानियाँ

·      प्राप्तकर्ता का GSTIN और कर योग्य मूल्य ठीक से जांच लें ताकि गलती से गलत विवरण न जाए।

·      राज्य के भीतर (Intra-State) और राज्य के बाहर (Inter-State) की आपूर्तियों का सही वर्गीकरण करें व रिटर्न में उसी अनुसार रिपोर्ट करें।

·      रद्द किए गए या एक जैसे (डुप्लिकेट) इनवॉइस गलती से अपलोड न करें; इससे नोटिस या पेनाल्टी की आशंका बन सकती है।

(c) त्रुटियों का प्रभाव

·      GSTR-1 और GSTR-3B के बीच विसंगति से सिस्टम आधारित नोटिस जारी हो सकते हैं।

·      गलत विवरण धारा 16(2)(aa) के तहत प्राप्तकर्ता की ITC पात्रता को प्रभावित कर सकते हैं।

2. GSTR-3B: मासिक/त्रैमासिक सारांश रिटर्न

(a) कर देयता बनाम ITC

·      सटीक बाहरी आपूर्ति और देय कर की घोषणा करें।

·      योग्य और अयोग्य ITC की रिपोर्ट Rule 42 और Rule 43 के अनुसार करें।

·      ITC दावा करने हेतु R2B ऑटो-ड्राफ्टेड स्टेटमेंट का मिलान करें।

(b) ब्याज और विलंब शुल्क

·      कर भुगतान में देरी पर धारा 50(1) के तहत ब्याज देय है।

·      धारा 47 के तहत विलंब शुल्क ऑटो-कैलकुलेट होता है और इसका भुगतान अनिवार्य है।

(c) समायोजन

·      पूर्व की अवधि के किसी भी डेबिट/क्रेडिट नोट्स, अग्रिमों या संशोधनों का सावधानीपूर्वक समायोजन करें।

·      CBIC के निर्देशों के अनुसार उचित टेबल (3.1 और 4) का उपयोग करें।

(d) सामान्य गलतियाँ

·      धारा 16(4) के तहत समय सीमा के भीतर ITC का दावा न करना।

·      धारा 17(5) के तहत अयोग्य ITC का गैर-उलटाव।

·      शून्य दर/मुक्त आपूर्तियों की गलत रिपोर्टिंग।

3. GSTR-9 / 9C: वार्षिक रिटर्न और मिलान

(a) प्रयोज्यता

·      यदि टर्नओवर ₹2 करोड़ से अधिक है तो GSTR-9 अनिवार्य (अन्यथा वैकल्पिक)।

·      ₹5 करोड़ से अधिक टर्नओवर पर GSTR-9C अनिवार्य (स्वप्रमाणित)।

(b) तैयारी के सुझाव

 ·        आंकड़ों का GSTR-3B और खातों की पुस्तकों से मिलान करें।

 ·        बाहरी/आंतरिक आपूर्तियों का सही वर्गीकरण करें।

 ·        यदि कोई अतिरिक्त देयताएं हों तो DRC-03 फॉर्म के माध्यम से भुगतान करें।

(c) प्रमाणन और सतर्कता

·        अब GSTR-9C में करदाता द्वारा स्व-प्रमाणन आवश्यक है (ऑडिट अनिवार्य नहीं)।

·        बिना सत्यापन के आंकड़ों की कॉपी-पेस्ट से बचें।

·        मिलान के लिए वर्किंग पेपर्स बनाए रखें।

4. GST पोर्टल की अद्यतन सुविधाएँ

(a) ऑटो-पॉप्युलेटेड डेटा

·         GSTR-3B और GSTR-9 अब स्वतः भरे गए ITC और देयता डेटा के साथ आते हैं।

·      सबमिट करने से पहले सावधानीपूर्वक समीक्षा करें।

(b) कम्युनिकेशन टैब

·      पोर्टल पर संचार सुविधा का उपयोग करें ताकि मुद्दे उठाए या नोटिस का उत्तर दिया जा सके।

(c) लेज़र सुधार

·      कैश, क्रेडिट और दायित्व लेज़र अब वास्तविक समय में जानकारी प्रदान करते हैं, जिससे करदाता अपने दायित्वों और उपलब्ध आईटीसी पर तुरंत निर्णय ले सकते हैं।

·      नियमित रूप से डाउनलोड और सत्यापन करें।

(d) शिकायत निवारण

·      तकनीकी त्रुटियों के लिए शिकायत निवारण पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज करें।

5. सामान्य फाइलिंग सर्वोत्तम अभ्यास

·         सभी रिटर्न नियत समय सीमा के भीतर फाइल करें ताकि सक्रिय स्थिति बनी रहे।

·      सभी क्रय चालान और दस्तावेजों को ऑडिट हेतु सही तरीके से संग्रहीत करें।

·      GSTR-2B और खरीद रजिस्टर का नियमित मिलान करें।

·      किसी भी नोटिस (ASMT-10, DRC-01A) का शीघ्र उत्तर दें।

·      अंतिम समय की फाइलिंग से बचें ताकि पोर्टल लोड की समस्या से बचा जा सके।

GST रिटर्न की सटीक और समय पर फाइलिंग न केवल कानूनी अनुपालन सुनिश्चित करती है बल्कि व्यवसाय की वित्तीय विश्वसनीयता को भी मजबूत बनाती है। कानून में बार-बार होने वाले परिवर्तनों और GST पोर्टल में तकनीकी उन्नयन के कारण पेशेवरों को अद्यतन और सतर्क रहना आवश्यक है। इन व्यावहारिक सुझावों का पालन कर GST प्रैक्टिशनर त्रुटियों को न्यूनतम कर सकते हैं, नोटिसों को कुशलतापूर्वक संभाल सकते हैं और अपने ग्राहकों को अधिक आत्मविश्वास और विश्वसनीयता के साथ सेवा दे सकते हैं।

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